8 फरवरी को देश के प्रतिष्ठित अखबार The Hindu ने अपने पहले पन्ने पर राफेल सौदे से जुड़ी एक खबर छापी और देखते ही देखते राजनीतिक गलियारों में हंगामा मच गया।
The Hindu के संपादक एन राम ने एक सरकारी दस्तावेज के हवाल से ये खुलासा किया गया कि प्रधानमंत्री कार्यालय अपने स्तर पर राफेल सौदे को अंजाम दे रहा था और इसकी जानकारी रक्षा मंत्रालय को नहीं थी। ऐसा करने से डील के लिए बनाई गई रक्षा मंत्रालय की टीम की स्थिति कमज़ोर हुई।
इस खुलासे के बाद सवाल उठ रहे हैं कि जब डिल करने के लिए रक्षा मंत्रालय की टीम थी फिर प्रधानमंत्री कार्यालय क्यों हस्तक्षेप कर रहा था? और अगर कर भी रहा था तो इसकी जानकारी रक्षा मंत्रालय की टीम को क्यों नहीं दी गई? क्या प्रधानमंत्री कार्यालय किसी को फायदा पहुंचाने के लिए खुद सौदे में शामिल हुआ? अगर खुद ही डिल करनी थी तो रक्षा मंत्रालाय की टीम को भंग क्यों नहीं किया?
इन सवालों के जवाब देने के बजाए मौजूदा रक्षामंत्री निर्मला सीतारमन ने The Hindu की रिपोर्ट पर सवालिया निशान लगा दिया है। रक्षामंत्री ‘द हिंदू’ और खुलासा करने वाले वरिष्ठ पत्रकार एन राम की नीयत पर ही सवाल खड़े कर रही हैं।
रक्षा मंत्री ने ख़बर छपने के फ़ौरन बाद ही इसपर सवालिया निशान लगाकर यह तो साफ़ कर दिया है कि वह इस मामले को हल्का करना चाहती हैं। लेकिन रक्षामंत्री के इन आरोपों का ‘द हिन्दू’ समूह के अध्यक्ष एन राम ने जवाब देकर उनके मंसूबे पर पानी फेर दिया है।
एन राम ने सीतारमण की आपत्तियों का जवाब देते हुए कहा, ‘यह ख़बर अपने आप में पूरी है। इसमें मनोहर पर्रिकर की टिप्पणी देने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि उनकी भूमिका के बारे में कुछ नहीं कहा गया है। पर्रिकर की भूमिका की अलग जांच की ज़रूरत है।’
रक्षामंत्री निर्माला सीतारमन का वरिष्ठ पत्रकार एन राम की नीयत पर सवाल उठाए बहुत लोगों को पसंद नहीं आया है। पत्रकार उर्मिलश उर्मिल ने रक्षामंत्री के बयान की आलोचना करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा है…
‘कैसा मज़ाक है! निर्मला सीतारमण अब एन राम जैसे यशस्वी संपादक को बता रही हैं कि पत्रकारिता कैसे होनी चाहिए! किस रिपोर्ट में किसकी टिप्पणी दर्ज होनी चाहिए और किसकी नहीं; रक्षामंत्री देश के एक बड़े संपादक की रिपोर्ट को खारिज करने के लिए यह सब कह रही हैं!
भाजपा वाले मेरी इस टिप्पणी पर बेवजह कुपित न हों! निर्मला जी विश्वविद्यालय-दिनों की हमारी परिचित हैं, उस दौर में अभी उनका भाजपा वालों से परिचय भी नहीं हुआ था! तब वह Freethinker थीं! अब उन्होंने Free होकर Think करना क्यों छोड़ दिया!’
राष्ट्रीय जनता दल ने भी रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण के बयान की आलोचना की है। राजद ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से लिखा है ‘मोदी सरकार के मंत्री काम करके नहीं, मोदी चालीसा पढ़के मंत्री बनते और बने रहते हैं। कोई पत्रकारों को दलाल कहता है, कोई बाज़ारू तो कोई प्रेस्टीट्यूट! कोई वरिष्ठ पत्रकारों को ही काम सिखाने लगता है! अरे चापलूसी और मीडिया मैनेजमेंट छोड़िए, अब बचे हुए कुछ महीने ही सही, काम कर लीजिए!’
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